भारत में हमेशा से ही इंसाफ और योग्यता को नकारा गया है, आजादी के बाद भी भेदभाव बनाकर रखा गया, स्कूल कॉलिज में शिक्षकों के पद खाली रखकर, न्यायपालिका में न्यायधीश के पद खाली रखकर, और सुरक्षा देने वाले पुलिस व सेना से 24 घण्टे मुख्यालय पर रखकर व वेतन कम रखकर, चिकित्सा को निजिस्वार्थ के कारण खराब करके, और धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर धर्मनिरपेक्षता को खत्म करके, युवाओं को बेरोजगार कर RTI से खाली पदों की जानकारी बाहर करके, सरकारी नोकरी में सफाईकर्मी की भर्ती खत्म कर स्वच्छ भारत का नारा लगाकर, सरकारी उद्योगजगत को निजी उद्योगपति में बदलकर, सरकारी मीडिया को खत्म कर निजी मीडिया को मान्यता देना, "प्राइमरी शिक्षकों से लेखपाल, डॉक्टर, इंजी, व रसोईघर का काम कराकर बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना", और भी अन्य मुद्दे है जिसकी आगे बात करेंगे, एक कदम संविधान की ओर

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