समझ नहीं आ रहा है कि, व्यक्ति चुनाव क्यों लड़ना चाहता है, जबकि चुनाव एक व्यवस्था सुधार प्रणाली है, लेकिन कुछ लोग इसको गुलाम व्यवस्था प्रणाली बना रहे है, जनता का अधिकार अपने स्वम के मत में छुपा हुआ है, जिसको आप अपने मत से अमीर, गरीब, जाति, धर्म, दावत, खरीद फरोक या ऊंच नीच को नकारकर, ईमानदार योग्य व्यक्ति का चुनाव कर, व्यवस्था में सुधार ला सकते है, आपका मत ही आपका भविष्य तय करता है।

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