पुरानी कहावत थी, कि जब कोई किसी का मुखोटा लगा लेता है, तो उसको पहचानने की जरूरत होती है, वर्ना चोर लुटेरा भी ईमानदार बनकर सब कुछ लूट लेता है और पता भी नहीं चलता है, वर्तमान में भी कुछ इस तरह MLA, MP, अधिकारी, कर्मचारी और व्यपारी ने भी मुखोटा लगाया हुआ, जिसको जनता की धार्मिक भक्ति व किसी वर्ग विशेष के प्रति नफरत के कारण इस षडयंत्र के कारण पहचान नहीं पा रही है एक कदम संविधान की ओर Reeta Bhuiyar

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