वर्तमान में जो भी स्थिति हुई है, इसका सीधा उदाहरण है कि जनता ने ईमानदार उम्मीदवार का चुनाव करने के लिए चुनाव चिन्ह को अपनाना था, किन्तु जनता ने भक्ति के कारण ईमानदार उम्मीदवार को छोड़कर चुनाव चिन्ह को ही अपना लिया है, जिसके कारण अब जनता ईमानदार उम्मीदवार की पहचान नहीं करती, बल्कि चुनाव चिन्ह की पहचान करती है, जिसका परिणाम वर्तमान में जनता के समक्ष है,
अभी भी समय है कि ईमानदार उम्मीदवार का चुनाव जनता करे न कि चुनावी चिन्ह का...👍👌जय किसान जय संविधान Reeta Bhuiyar
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