पृथ्वी पर रहने वाले तमाम जीव-जंतुओं व प्राणी और पेड़-पौधों को बचाने तथा दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ 22 अप्रैल के दिन 'पृथ्वी दिवस' यानी 'अर्थ डे' मनाने की शुरुआत की गई थी। 1970 में शुरू की गई इस परंपरा को 192 देशों ने खुली बांहों से अपनाया और आज लगभग पूरी दुनिया में प्रति वर्ष पृथ्वी दिवस के मौके पर धरती की हरियाली चुनर को बनाए रखने और हर तरह के जीव-जंतुओं को पृथ्वी पर उनके हिस्से का स्थान और अधिकार देने का संकल्प लिया जाता है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी इस दिन का खास मुकाम है। लेकिन वर्तमान में जिस तरह से व्यक्ति व्यक्ति में भेद है, उससे तो नहीं लगता है कि कुछ अच्छा होने वाला है, हम सब का कर्तव्य है कि हम प्रत्येक दिन अपने जीवन को पृथ्वी दिवस जैसा मनाये, तभी हम एक भविष्य की कल्पना कर सकते है। रीता भुइयार Reeta Bhuiyar

Uphonry
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