आज ही के दिन भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई शुरू हुई थी। आज ही के दिन नेल्सन मंडेला ने लोकतांत्रिक चुनाव के बाद राष्ट्रपति की शपथ ली। आंदोलन और क्रांति हमेशा से ही होती रही है। आपका विचार ही आपका सहयोग है। लेकिन वर्तमान में जिस तरह पूँजीवादीयों का कब्जा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हुआ है, जिसको जनता पहचान नहीं पा रही है, आपस की ऊँच नीच व भेद भाव ने जनता को एक मत विचार पर सोचने नहीं दिया है, जिसका परिणाम वर्तमान में देखा जा सकता है, जनता के लिए सरकारी संस्था कितनी महत्वपूर्ण है, और सरकारी संस्थाओं को ही बेचा जा रहा है, हम आज भी जाति धर्म में विलीन है, हम सुख को प्रसाद के रूप में भोग रहे है और दुःख को भक्ति के रूप में भोग रहे है। #एक_कदम_संविधान_की_ओर Reeta Bhuiyar

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