जिंदगी अपनी लगा दी उस आने वाली पीढ़ि के भविष्य के लिए, जो आज भक्ति में आँख बंद करके खोलने की जरूरत भी न समझ रहा है। सपने देखे थे वैज्ञानिक बनने के लिये और काम करते रहे जादू टोने के। जिंदगी भी निकल गई और पता भी न चला, दुश्मन से लड़ने चले थे, और दोस्त को ही दुश्मन बना लिया, कलम तो उठाई थी, आने वाली पीढ़ी का भविष्य बनाने के लिए, लेकिन कब हमने उसको नर्क बना दिया पता ही न चला। जय किसान जय संविधान Reeta Bhuiyar

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