मनुष्य जिसको अपने अंतिम सांस तक खोजता रहा, वो उसके हर पल साथ ही थी, बस रंग, धर्म, जाति, भाषा व भेषभूषा के चक्कर में उसको पहचान नहीं करा पाया, हिरण के कस्तूरी की तरह। Reeta Bhuiyar

मनुष्य जिसको अपने अंतिम सांस तक खोजता रहा, वो उसके हर पल साथ ही थी, बस रंग, धर्म, जाति, भाषा व भेषभूषा के चक्कर में उसको पहचान नहीं करा पाया, हिरण के कस्तूरी की तरह। Reeta Bhuiyar
कुसुम विहार कॉलोनी
कोतवाली रोड नजीबाबाद
बिजनौर (उत्तर प्रदेश)
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