भारत में गरीब व माध्यम वर्ग शिक्षा को ज्ञान के रूप में नहीं बल्कि रोजगार और व्यवपार के लिऐ अपनाए हुए है, जिसके कारण वर्तमान में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है, और अधिकारों को समझ कर भी लागू नहीं किया जा रहा है, सच और झूठ की जानकारी होकर भी चुप रहना और उच्च पदाधिकारी के गलत आदेश का पालन करना भी अशिक्षित होने का प्रमाण होता है। इसको नकारा नहीं जा सकता है। वर्तमान में इसको हर जगह देखा जा सकता है, लेकिन देखने के लिए भी ज्ञानवान होना आवश्यक है, लेकिन ज्ञानवान अनपढ़ व पढ़ालिखा दोनों में से कोई भी हो सकता है। Reeta Bhuiyar

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