जीवन बहुत सरल था, किन्तु हमने ही इसको कठिन बना लिया, कुदरत ने हमको हवा पानी भोजन बिलकुल फ्री और शुद्ध रूप में दिया, हमने ही इसकी क़ीमत लगाकर, इसको अशुद्ध कर दिया और पलभर के स्वाद के लिए, अपना जीवन दुःखो से भर लिया, सत्य हमको हर पल सचेत करता है, हम ही सत्य को नजर अंदाज कर देते है, और फिर दोष किस्मत को देते है। Reeta Bhuiyar

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