वर्तमान में हर कोई सलाहकार है, लेकिन जिसको सलाहकार होना चाहिए वो सलाहकार बनना ही नहीं चाहता है, हर कोई एक बार कुर्सी पद पर बैठने के बात हटना ही नहीं चाहता है, जब कि उसको आराम की जरूरत है, फिर भी आराम नहीं कर रहा है, बोल रहा है की मेरे कुर्सी पर कोई ओर बैठ जाएगा, जब कोई नेता दो चार बार विधायक या सांसद बन गया तो, अब क्यों बार बार विधायक सांसद बने रहना चहता है, या मरने के बाद ही पद छोड़ेगा, अरे भाई हम सब भारतीय है, और जब हम सब भारत की जनता के लिए ही काम करना चाहते है, तो आपस में इतनी नफरत क्यों..? Reeta Bhuiyar

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