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"भारत की जनता अपने खेत, जेब, घर, बैंक खाता व मजदूरी को ही अपनी सम्पत्ति समझती है "✍️

"भारत की जनता अपने खेत, जेब, घर, बैंक खाता व मजदूरी को ही अपनी सम्पत्ति समझती है "✍️

"भारत की जनता यदि कुछ दान कर देती है, तो उस पर अपना अधिकार नहीं समझती है"❌

     "जैसे -- टैक्स, दान व मतदान आदि"🔏

"जिसका फायदा वर्तमान सरकार के कुछ लोग उठा रहे है, जनता को भ्रमित कर, जनता के अधिकार छीनकर"🔕

"भारत की 95% जनता टैक्स देती है, जिस टैक्स से भारत की संसद विधानसभाएं एवम न्याय पालिका, सुरक्षा चिकित्सा शिक्षा संस्थाएं सहित अनेक संस्थाएं चलती है, भारत की सरकारी संपत्ति की बढ़ोतरी इसी टैक्स से होती है, यहां तक की सरकार उद्योगपतियों को ऋण व छूट इसी टैक्स से देती है,  कुल मिलाकर जनता की संपत्ति को ही सरकार निजीहाथों में दे रही है, लेकिन जनता इस संपत्ति को अपना समझती ही नहीं, इस लिए जनता इस संपत्ति के लिए लड़ाई ही नहीं लड़ रही है। आप सोचे और समझे और अपनी राय दे"✍️🙏

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