प्रकाश दीपदान उत्सव की हार्दिक बधाई,
प्रकाश मध्यम है, न कि वस्तु, प्राणी के सत्य और झूठ की पहचान के लिए प्रकाश सहायक हैं लेकिन हम सत्य और झूठ को पहचानने के लिए सत्य और झूठ के अंतिम छोर तक जाना होगा, जहां से सत्य और झूठ का निर्माण हुआ है, वर्तमान में जनता सत्य की और भाग रही है, लेकिन झूठ को पहचानने की पर्क जनता में नहीं है, जिसके कारण जनता भ्रमित होती है, और धोखा खा जाती है। रीता भुइयार बिजनौर
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