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एक आंदोलन उस वाक्य हुआ करता था, एक आंदोलन वर्तमान में हो रहा है, उस वक्त भी जनता के अधिकार छीने जा र

एक आंदोलन उस वाक्य हुआ करता था, एक आंदोलन वर्तमान में हो रहा है, उस वक्त भी जनता के अधिकार छीने जा रहें थे, आज भी जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं, बस फर्क इतना सा है, कि वो अंग्रेज व्यापारी थे, और ये (...) व्यापारी है, समझने के लिए इशारा ही बहुत होता है, वर्ना चिल्लाने पर भी सोता हुआ व्यक्ति जागता नहीं है, क्योंकि वो सोने का ड्रामा करता हुआ, जागा हुआ होता है। Reeta Bhuiyar


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