उस समय भी और वर्तमान में भी जब जब महिला को अवसर दिया गया, तब तब महिला ने अपना कर्त्तव्य बड़े निष्ठा के साथ निभाया है, वर्तमान में पद का लालच इतना बड़ गया है, कि हर पद पर रहने के लिए नियम का दूर उपयोग किया जा रहा हैं, जबकि पहले राजाशाही थी और आज लोकतंत्र व्यवस्था है, फिर भी जनता समझा नहीं पा रही हैं, लोकतंत्र को पार्टी धर्म जाति रंग भाषा का गुलाम बना दिया, इसको तोड़ने के लिए हमको निर्दलीय मत सोच को आगे लाना होगा, फिर से नया भारत बनाना होगा, और कहना होगा,
रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सब को सन्मति दे भगवान Reeta Bhuiyar
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