कुछ नहीं बदल रहा है बस गठबंधन हो रहा है लुटेरों का, जो नेता पांच वर्ष तक अपने मुंह कान आंख बंद करके बैठे थे, आज फिर पद की लालसा में जनता के बहुमत का सौदा करने आ गए है, पूरे भारत वर्ष में एक MLA/MP ने विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई, लेकिन अब बाड़ आ गई है टिकिट लेने के लिए गठबंधन से, हजारों किसान मजदूर कर्मचारी युवा मारे गए अपने अधिकार पाने के लिए, और ये नेता चुपचाप बैठे रहे अपने आशियाने में कुर्सी बचाने में। क्या फर्क पड़ता है यहां किसी को किसी के मरने पर, यहां तो सभी को कुर्सी चाहिए गरीबों पर राज करने पर ......

No Comments!