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वीरांगना झलकारी बाई जयंती पर कोटि कोटि नमन

जाकर रण में ललकारी थी, वह तो झाँसी की झलकारी थी।

गोरों से लड़ना सिखा गई, है इतिहास में झलक रही,

वह भारत की नारी थी।”

प्रथम स्वाधीनता संग्राम में झांसी की रानी के साथ ब्रिटिश सेना के विरोध अद्भुत वीरता से लड़ते हुए ब्रिटिश सेना के कई हमलों को विफल करने वाली, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना में महिला शाखा दल की सेनापति वीरांगना झलकारी बाई जी की जयंती पर शत्-शत् नमन।


"अभी उम्र कुल तेइस की थी, मनुज नहीं अवतारी थी,

हमको जीवित करने आयी, बन स्वतंत्रता-नारी थी,

दिखा गई पथ, सिखा गई हमको जो सीख सिखानी थी,

बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी"

त्याग, वीरता एवं बलिदान की सच्ची प्रतीक एवं देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देने वाली वीरांगना झलकारी बाई थी


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