प्रदूषण मनुष्य के जीवन को ही नहीं बल्कि दुनिया के जीव को भी प्रभावित करता है, वर्तमान और पूर्व को ध्यान में रखते हुए यदि हम जीवन का आंकलन करें, तो देखते है कि पहले के मनुष्य ने अपने साथ साथ अन्य जीवों के जीवन को भी ध्यान में रखकर काम किया, पहले जनता के द्वारा तालाब कुवों नदी को कभी भी दूषित नहीं किया जाता था, अपने भोजन को तथा भोजन को परोसने वाले बर्तन का ध्यान हमेशा रखा जाता था, पहले मनुष्य ने प्लास्टिक और कैमिकल का उपयोग कभी भी अपने जीवन में नहीं किया, लेकिन वर्तमान में मनुष्य ने अपने भोजन और भोजन संसाधनों में कैमिकल और प्लास्टिक का भरपूर उपयोग किया है, जिसका परिणाम वर्तमान में देखा जा सकता है, वर्तमान वस्तुओ का उपयोग उतना लाभकारी नहीं है जितना की नुकसान दायक, लेकिन भौतिक संसाधनों की चमक और ऊंचा बनने की चाहता ने मनुष्य के जीवन को कब दूषित कर दिया ये पता ही नहीं चला,
धूल आईने पर थी, और चेहरा साफ करता रहा,
दूषित मन युक्त विचार था और व्यवहार पर दोष लगता रहा, बदलना स्वयं को था, और बदलाव दूसरो में देखता रहा...🙏‼️
Reeta Bhuiyar
नजीबाबाद जिला बिजनौर उप्र
No Comments!