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"प्राकृतिक सभी को जीवन जीने का अधिकार देती है, ये तो स्वयं मनुष्य ने अपने अहंकार में दूषित किया हुआ

"प्राकृतिक सभी को जीवन जीने का अधिकार देती है, ये तो स्वयं मनुष्य ने अपने अहंकार में दूषित किया हुआ है"✍️


"मनुष्य ने अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने के लिए, स्वयं को और मनुष्य को जाति-धर्म अमीर-गरीब, रंग-भाषा, लिंग के रूप में विभाजित कर भेदभाव को बढ़ाया हुआ है, जो पूर्वकाल से वर्तमान समय तक देखा जा सकता है"✍️


"आजादी का मतलब व्यक्ति की स्वतंत्रता से है, न की कुछ व्यक्तियों को आजादी देकर, बहुसंख्यक जनता को सीमित कर देना, ये तो आजादी नहीं बल्कि, जाति-धर्म, रंग-भाषा, अमीर-गरीब, लिंग का भेदभाव है"✍️


"कोई भी सरकार जनता के विरोध को तबतक नजर अंदाज करती रहती है, जबतक की जनता के द्वारा सरकार का स्थाई विरोध न हो"✍️


"भारत में एक व्यक्ति के संवैधानिक विरोध को सरकार के द्वारा नज़र अंदाज करना, मतलब "एक वोट"/"एक व्यक्ति" का कत्ल करने के समान है"✍️

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"सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की पुण्यतिथि पर कोटी कोटी नमन"


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