दुनिया में मानव हित के लिये मानव ने नई नई खोज की
फिर नये नये निर्माण (अविष्कार) किये, उसके बाद मानव को खुश करने के लिये रोबॉट बनाये, फिर मानव की तरह रोबॉट बनाये,
किन्तु कुछ व्यक्तियों ने मानव को ही रोबॉट बनाने का काम किया किन्तु वो काम इतने युद्ध स्तर पर चला की आज उसका इतनी जयादा मात्रा में उत्पादन हो गया है, कि हम जिस और भी देखते है मानव की शक्ल में मानव रॉबट यानि मानव मशीन ही दिखाई देती है, जो आज एक प्रोग्राम से चलते है और वो सोचते है की हम चल रहे है, किन्तु उनको चलाया जा रहा है और वो चल रहे है, अपना ही विनाश नहीं कर रहे बल्कि अपनी शक्ल के बच्चों को भी उसी प्रोग्राम में डाल रहे है,
हर तरफ मशीनी युग नजर आ रहा है, मशीन को तो तोड़ सकते है किन्तु अब तो मानव के अंदर मशीनी वायरस आ गया है, कुछ समय बाद तो ये जन्म जात हो जायेगा,
भाई इस और ध्यान दो वर्ना बाद में ध्यान तो दूर कुछ कर भी नहीं पाओगे,
कर तो आज भी कुछ नहीं पाओगे किन्तु अपने को सुरक्षित रख सकते हो मानव मशीन बनने से...
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