पहले 5मिनट के समाचार में पूरे भारत की जानकारी मिल जाया करती थी, अब तो दिन भर के समाचार सुनने के बाद भी सही जानकारी मिलने से छूट जाती है,
पहले प्रधानमंत्री जी और राष्ट्रपति जी का 10 मिनट का संदेश हुआ करता था, भारत की जनता के लिए, और जनता को 10मिनट के संदेश में पूरे वर्षभर का समाधान मिल जाया करता था,
अब तो प्रधानमन्त्री जी और राष्ट्रपति जी का ओसत हर रोज संदेश मिलने पर भी जनता की व्याकुलता विश्वास और समाधान के प्रति बढ़ती जा रही है, लगता है नेताओं के द्वारा जनता के प्रति वो विश्वास खो रहा है, जो विश्वास हुआ करता था,
पहले सत्ता पक्ष पर विपक्ष का और विपक्ष पर सत्ता पक्ष का विश्वास हुआ करता था, आज विपक्ष का सत्तापक्ष के प्रति, और सत्तापक्ष का विपक्ष के प्रति विश्वास खत्म होता नजर आ रहा है, हर शब्द के पीछे षडयंत्र दिखाई दे रहा है, जिसकी भी कहानी लिखी जाती है वर्तमान के सत्ता पक्ष और विपक्ष के द्वारा उसकी गारंटी खत्म होती नजर आ रही है
ऐसा मैं नहीं कह रही हूं ऐसा वर्तमान बता रहा है, जहा एक तरह मजदूर किसान धरना देकर अपनी फरियाद सुनाना रहा है तो वही दूसरी तरफ कर्मचारी अपने अधिकारों सहित पद छीनने की दुःखद दास्ता सुना रहा है,
पता नहीं किसका भला हो रहा है, हर तरफ बीमारी का बिगुल बज रहा है, भोजन की तरह अब दवाई का पैकेज बिक रहा है, गारंटी हर कोई दे रहा है, लेकिन दी हुई गारंटी पर कोई खरा नहीं उतर रहा है
मुझे तो ऐसा लग रहा है हर कोई एक दूसरे को उल्लू बनाकर अपने आपको सुरक्षित करने का काम कर रहा है, ये और बात है जो दूसरों को असुरक्षित कर अपने आपको सुरक्षित कर रहा है वो अपने आने वाली पीढ़ी को भी अनजाने में असुरक्षित कर रहा है
सामाजिक चिंतक
एडवोकेट रीता भुइयार
नजीबाबाद जिला बिजनौर उप्र भारत
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