मजदूर दिवस पर क्या मजदूरों के मन की बात सुनी गई, क्या वास्तव में भारत के मजदूरों को उनके अधिकार दिया जा रहा है, क्या वास्तव में मजदूर का बच्चा अंग्रेजी स्कूल, अन्य मैनेजमेंट के स्कूल में बराबर की भागीदारी मिल रही है, क्या मीडिया वस्ताव में मजदूर की समस्याओं को उजागर कर रही है,क्या मजदूर का लीडर निष्पक्षता से अपनी बात सरकार के आमने रख कर मजदूरों को उनका अधिकार दिलाने में सक्षम है, इस विषय पर बुद्धिजीवियों को चर्चा करनी चाहिए, वर्तमान में जो भी स्थिति देश में चल रही है, बड़ी ही दुःखदाई है, जहाँ आज मजदूर एक सांस लेने के लिये तड़प रहा है, वर्तमान में जनता को धैर्य पूर्वक सतर्कता के साथ अपने और अपने परिवार के साथ देश के सभी व्यक्तियों की सहायता करनी है, आज डर और भय का माहौल है, उससे जनता की समझ ही निजात दिला सकती है, हमको वर्तमान में धर्म जाति पार्टी रंग का भेद छोड़, देश हित के लिए एक जुट होकर काम करना है, हमको कानून का पालन करते हुए, जनता की सहायता करनी चहिये। आज मजदूर दिवस है, "आपसभी को मजदूर दिवस की हार्दिक बधाई" भारत का मजदूर वर्ग ही है जो बिना मूल्यांकन के ही देश सेवा करता है,
भारत में लोकतंत्र को स्थापित करना है, तो विपक्ष को मजबूत बनाना होगा, उसके लिए भक्ति छोड़ तर्क संगत विचार करना होगा, भारतीय संविधान के अनुसार विपक्ष भी मजबूत होना जरूरी है तभी अल्पसंख्यक जनता के अधिकार सुरक्षति रह सकते है, वर्ना वर्तमान आज आपके समक्ष है,
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