माँ एक शब्द नहीं बल्कि वो चरित्र है, जिसने इस दुनिया को बनाया ही नहीं, बल्कि दुनिया को वो रूप दिया, जिसको हम अपनी भाषा में सुंदरता को प्रेम के नाम से पुकारते है। इसकी तुलना हम किसी से नहीं कर सकते, क्योंकि खोज ही निर्मण की जननी है। वर्तमान में हम भूल गये है कि हमारा जीवन उस माँ के परोपकार से है, जिसने हमको एक प्यारी सी पहचान के साथ एक आकर देने में अपना पूरा जीवन लगा दिया। लेकिन हम आज कहाँ खड़े है, स्वयं आप और हम देख सकते है
*मातृ दिवस पर आप सभी को बहुत बहुत बधाई*
*दुनिया की सभी पूर्व व वर्तमान माताओं को मेरा कोटि कोटि प्रणाम*
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