मन में रखो भारतीय संविधान
करते रहो राम-राम जय जवान जय किसान जय संविधान जय भीम और जिसको भी चाहते हो जपते रहो उनके भी नाम.......
कोई बोले सलावलेकुम तो कोई बोले सलाम...
आज़ादी के वो दिन न भूलो
जिसमे हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई बुद्ध जैन और प्रत्येक भाई...ने आज़ादी के लिए दिए थे अपने प्राण...
कोई राम को चाहे, कोई अल्लाह को चाहे.. तो कोई बुद्ध तो चाहे, तो कोई महावीर जैन को चाहे, तो कोई नानक देव को चाहे, तो कोई ईशामसीह को चाहे...
ज्ञानी वही जो (जीव-प्राण) इंसान को चाहे....
भ्रम में सभी है तो भ्रम अलंकृत कैसे,
आओ एक बाहर भ्रम को तो जाने, षडयंत्र से निकल कर विज्ञान को जाने, नफरत को छोड़ अमन को अपनाकर तो जाने, छोटी पड़ जायेगी ये दुनिया... एक बार नफरत छोड़ सबको अपना समझ कर तो माने...
मंदिर में खुदा है मस्जिद में भगवान, शब्दों को नफरत से न देखो तो जिस रूप में देखोगे उस रूप मिल जायेगे आपके मित्र (जीव-प्राण)
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