समस्या पक्ष और विपक्ष की नहीं, बल्कि समस्या आपसी मतभेद की है, जो एक दूसरे को स्वयं के ही देश में अपना मानने वाले विचार को नकारा जा रहा है, वर्तमान में उस विचार को अपना जा रहा है जो एक दूसरे में नफरत पैदा कर रहा है... समस्या शिक्षा चिकित्सा इंसाफ के साथ सुरक्षा और रोजगार की थी, लेकिन समस्या पर पर्दा डालकर समस्या निवारण व्यवस्था को ही खत्म किया जा रहा है, सच कैसे स्थापित होगा, जब संवैधानिक पद की भूख ने ही संवैधानिक पद को ही खत्म कर डाला.....

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