महिला पहले भी आजादी की लड़ाई में कदम से कदम मिलाकर चलती थी, और आज भी कदम से कदम मिलाकर चलती हैं, ये तो कुछ गिने चुने मानसिक बीमार गुलाम व्यक्ति ही हमेशा ही महिलाओं को नजरअंदाज कर पीछे धकेलते आए है, आज भी महिलाओं पर झूठा आरोप लगाकर उनको घरों में कैद किया जाता है, लेकिन कुछ व्यक्ति आज भी महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहे है,
सैल्यूट उनको जिन्होंने चरित्र की सुरक्षा कर चरित्र का निर्माण करने का काम किया...
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