"भारत की मतदान करने वाली 70% जनता का संसाधन प्राइवेट बस, साइकिल स्कूटर है, तथा रहने का कच्चा पक्का घर है"✍️
"लेकिन ये 70% जनता अपना वोट उन उम्मीदवार को देती है, जिनका महल जैसा घर और यात्रा हवाई जहाज से करते है"✍️
"ये उम्मीदवार गरीब जनता को चका चौंध करने के लिए, लाखों करोड़ों की सैकड़ो गाड़ी में चुनाव के समय जनता के बीच पहुँचते है, और जनता भी इनका स्वागत एक भगवान के रूप में करती है, लेकिन ये जनता का भगवान, जनता को पूरे पांच वर्ष भगवान के भरोसे छोड़ देता है, और जनता भी भगवान भरोसे पांच वर्ष बितने का इन्तिजार करती है"✍️
"वर्तमान में कुछ उम्मीदवार पार्टी बदल कर जानते के बीच नये चहरे के साथ पहुँच जाते है, जनता भी उनका स्वागत नई उम्मीद के साथ करती है"✍️
"समय रहते जनता ने अपने मत को नहीं बदला तो, विज्ञान तो तरक्की करेगा, लेकिन गरीब और उसका बच्चा पाखण्डवाद की दल दल में सिमटता चला जायेगा, न शिक्षा मिलेगी, न रोजगार, न चिकित्सा मिलेगी, न सुरक्षा मिलेगी, न ही इंसाफ मिलेगा। ये सब बंद नहीं होंगे, बल्कि इतने महंगे हो जायेगे कि आप आपातकाल में भी इन सुविधाओं को लेने में असमर्थ रहोगे,"✍️
"बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से आए"✍️
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