"पहले प्रधानमंत्री जी बोलते थे कि जब तक मीडिया मेरे खिलाफ लिखती रहेगी तबतक मजदूरों और किसानों मैं तुम्हारा हूं"
"जिस दिन मीडिया मेरी प्रशंसा करने लगेगी, समझ लेना मैं बिक चुका हूं"
*"किसानो के हमदर्द रहे चौधरी चरण सिंह जी को कोटि कोटि नमन"*
जीवन एक बाहरी और आन्तरिक सीमाओं को भेदकर (यानि जानकर) यथा स्थिति में रहने का माध्यम है.. इस अवस्था को जानना और इसमें बिना भेदभाव के जीना ही जीवन कहलाता है...
समय जैसा जीवन एक सफर है, जीवन को देखने के लिए हमको अपने मन और व्यवहार को प्रकृति के अनुकूल बनाना होगा...
*एड रीता भुइयार*
नजीबाबाद जिला बिजनौर उप्र
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