. *विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई*
मेरी हिंदी ने मुझे अब अयोग्य बना दिया, कहने को तो प्रधानमंत्री जी ने हिन्दी को दुनिया में फैला दिया,
वतन पर मर मिटने वालों को मेरा सलाम, अब तो सलाम को भी मुस्लिम बना दिया
एक वक्त था जब हाथ जोड़ने का मतलब हिन्दी में सम्मान हुआ करता था, अब तो हाथ जोड़ने वाले को डरा हुआ गुलाम बना दिया
ऑफिस में यदि अधिकारी को बोल दिया जी हजूर तो अधिकारी में अपना गुस्सा दिखाकर कर्मचारी को मुर्गा बना दिया
कल तक थी जिस हिंदी की व्यवहार में पहचाना आज उस हिंदी को अंग्रेजी का पैजामा पहना दिया
करते थे गांव में जो अपने बुजुर्गो को सुबह शाम राम राम, आज उनको भी गुड मॉर्निंग और गुड नाइट करने का अभ्यास करा दिया
मेरी शिक्षा को महंगा कर, भारत में असमानता का दायरा बढ़ा दिया,
मेरी हिंदी को रोजगार न देकर, हिंदी को कमजोर बना दिया,
अंग्रेजी सीखते सिखाते कम संस्कृति भूल गए पता भी न चला और अब न अंग्रेजी रही न हिन्दी पता नहीं कब व्यापारी बना दिया
*एड रीता भुइयार*
नजीबाबाद, जिला बिजनौर उप्र भारत
No Comments!