"अभी उम्र कुल तेइस की थी, मनुज नहीं अवतारी थी,
हमको जीवित करने आयी, बन स्वतंत्रता-नारी थी,
दिखा गई पथ, सिखा गई हमको जो सीख सिखानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी"
त्याग, वीरता एवं बलिदान की सच्ची प्रतीक एवं देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देने वाली वीरांगना झलकारी बाई थी
रीता भुइयार बिजनौर उत्तर प्रदेश भारत
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