"निर्दलीय चुनाव का समर्थन करना सरकारी है, पार्टी के चुनाव का समर्थन करना निजीकरण है" अब जनता के हाथ
Jan 17, 2022"निर्दलीय चुनाव का समर्थन करना सरकारी है, पार्टी के चुनाव का समर्थन करना निजीकरण है" अब जनता के हाथ में है कि जनता को सरकारी तंत्र का चुनाव करना है या निजीकरण तंत्र का चुनाव करना है
जिस पानी का कोई स्वाद या रंग नहीं, उस पानी का स्वाद और रंग बता रही है जनता, टिकिट कोई भी ले आए पार्
Jan 17, 2022जिस पानी का कोई स्वाद या रंग नहीं, उस पानी का स्वाद और रंग बता रही है जनता, टिकिट कोई भी ले आए पार्टी से, हम वोट उसी को देगे, जो हमारे धर्म जाति रंग भाषा का होगा या जो हमको फ्री में भक्त बनाने की बात करेगा, भले ही हमारी शिक्षा चिकित्सा सुरक्षा स्वतं
हम 2016 का वो षडयंत्र शायद भूल गए होगे, जब एक पिछड़ी जाति के एक बच्चे को शिक्षा के लिए पैसे न जुटाने
Jan 17, 2022हम 2016 का वो षडयंत्र शायद भूल गए होगे, जब एक पिछड़ी जाति के एक बच्चे को शिक्षा के लिए पैसे न जुटाने पर, इस दुनिया से अलविदा कर दिया गया हो, रोहित वेमुला को इस स्थिति तक पहुंचाने का ज़िम्मेदार कौन... शायद ये इतिहास के पन्नों में दफन होगया, क्यों भारत
कुछ नहीं बदल रहा है बस गठबंधन हो रहा है लुटेरों का, जो नेता पांच वर्ष तक अपने मुंह कान आंख बंद करके
Jan 13, 2022कुछ नहीं बदल रहा है बस गठबंधन हो रहा है लुटेरों का, जो नेता पांच वर्ष तक अपने मुंह कान आंख बंद करके बैठे थे, आज फिर पद की लालसा में जनता के बहुमत का सौदा करने आ गए है, पूरे भारत वर्ष में एक MLA/MP ने विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई, लेकिन अब बाड़ आ गई है